हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।……………..2
तू स्वर की देवी ये संगीत तुझसे,
हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे,
हम हैं अकेले, हम हैं अधूरे,
तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ।
हे शारदे माँ………………………
मुनियों ने समझी, गुनियों ने जानी,
वेदों की भाषा, पुराणों की वाणी,
हम भी तो समझे, हम भी तो जाने,
विद्या का हमको अधिकार दे माँ।
हे शारदे माँ………………………
तू श्वेतवर्णी कमल पर विराजे,
हाथों में वीणा, मुकुट सिर पे साजे,
मन से हमारे मिटा के अंधेरे,
उजालों का हम को भी संसार दे माँ।
हे शारदे माँ………………………